उत्तराखंड के जौलीग्रांट और पंतनगर हवाई अड्डे इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेंगे, केंद्र सरकार वहन करेगी सारा खर्चा
उत्तराखंड सरकार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। हवाई सेवाओं में विस्तार किया जा रहा है, ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलें। ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उत्तराखंड आएं, यहां की खूबसूरती को निहारें। इसी कड़ी में देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर के हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। उत्तराखंड के जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट का अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विस्तार करने के लिए भूमि चिन्हित कर नागरिक उड्डयन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जिसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। विस्तारीकरण पर आने वाले सारा खर्च केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए 60 मीटर चौड़ा और 270 मीटर लंबा रनवे का विस्तार किया जाना है। इसके लिए 105 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी।
विस्तारीकरण पर करीब 270 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। रनवे के लिए भूमि चिन्हित की गई है। जिसमें सरकारी व निजी भूमि भी शामिल है। तकनीकी विशेषज्ञों की ओर से दी गई एयरपोर्ट विस्तारीकरण रिपोर्ट का नागरिक उड्डयन विभाग अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
उड़ान योजना के तहत प्रदेश में 12 हेलीपेड का निर्माण किया गया। ये हेलीपेड लैंडिंग के लिए तैयार है, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट खिड़की, वेटिंग रूम, चेकिंग प्वाइंट, सामान रखने समेत अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके लिए पवन हंस एविएशन कंपनी ने आठ हेलीपेड की डीपीआर शासन को सौंपी है। यात्री सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद इन हेलीपेड से नियमित हेली सेवाएं संचालित की जा सकेगी।
जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञों की रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। दोनों एयरपोर्ट के लिए किस तरह से भूमि का अधिग्रहण किया जा सकता है।
प्रदेश के 12 हेलीपेडो में यात्री सुविधाओं के लिए बन रही डीपीआर
वहीं, पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए पांच सौ हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा। पंतनगर एयरपोर्ट के आसपास सरकार के पास सरकारी और वन भूमि उपलब्ध है। बता दें कि वर्तमान में दोनों एयरपोर्ट को इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी संचालित कर रही है। विस्तारीकरण से जौलीग्रांट और पंतनगर से वियतनाम, कंबोडिया, दुंबई समेत गल्फ कंट्री के लिए हवाई सेवाएं शुरू होगी।उड़ान योजना के तहत प्रदेश में 12 हेलीपेड का निर्माण किया गया। ये हेलीपेड लैंडिंग के लिए तैयार है, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट खिड़की, वेटिंग रूम, चेकिंग प्वाइंट, सामान रखने समेत अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके लिए पवन हंस एविएशन कंपनी ने आठ हेलीपेड की डीपीआर शासन को सौंपी है। यात्री सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद इन हेलीपेड से नियमित हेली सेवाएं संचालित की जा सकेगी।
जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञों की रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। दोनों एयरपोर्ट के लिए किस तरह से भूमि का अधिग्रहण किया जा सकता है।