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पहाड़ी क्षेत्रों में बेमौसमी बारिश ने मचाई तबाही, फसलें बर्बाद

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पहाड़ी क्षेत्रों में बेमौसमी बारिश ने मचाई तबाही, फसलें बर्बाद


उत्तरकाशी: लगातार हो रही बेमौसमी बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में बरसाती गदेर अभी से उफनाने लगे हैं। किसानों के खेतों में कटी और खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बारिश से उत्तरकाशी में गंगाघाटी और चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक की चंद्रशिला पट्टी में भारी नुकसान हुआ है। उत्तरकाशी के भटवाड़ी टकनौर क्षेत्र सहित असी गंगा घाटी में ओलावृष्टि के बाद अतिवृष्टि से लोगों घरों से लेकर खेतों तक जगह-जगह तबाही मची। खेतों में खड़ी फसल चौपट हो गई है। नकदी फसल की क्यारियों में उफान का मलबा घुस गया है। वहीं गंगोरी के पास असी गंगा नदी में ह्यूम पाइप डालकर बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी बह गया है।


देर शाम करीब तीन घंटे तक भटवाड़ी ब्लाक के टकनौर और असी गंगा घाटी में भारी ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से खेती फसल को भारी नुकसान पहुंचा। सैंज, मनेरी, स्यावा, लाटा, सौरा, सारी, मल्ला, सिल्ला, पिलंग, जौड़ाव, भटवाड़ी, बंद्राणी, गोरसाली, द्वारी, जखोल, रैथल, नटीण, क्यार्क समेत कई गांवों में करीब तीन घंटे तक भारी ओलावृष्टि व बारिश ने जमकर तांडव मचाया। सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर बोई गई गेहूं, आलू, मटर की फसल के साथ ही गोभी, टमाटर, बैंगन, कद्दू जैसी सीजनल सब्जियों को ओलावृष्टि व बारिश से भारी नुकसान पहुंचा। वहीं, कई इलाकों में भारी बारिश व ओलावृष्टि से रास्तों पर भारी उफान आ गया, जिससे कई सार्वजनिक रास्तों को भारी नुकसान पहुंचा। विधायक गोपाल रावत ने डीएम आशीष चौहान से कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व टीमें भेजकर फसलों, खेतों, सार्वजनिक संपतियों को हुए नुकसान का आंकलन करें तथा प्रभावित परिवारों को मदद करें।


बदलता रहा मौसम का मिजाज

नई टिहरी में मौसम का धूप-छाव का खेल चलता रहा। बारिश के साथ ही तेज आंधी चली जिस कारण बाजार में धूल उड़ती रही। नई टिहरी में पिछले तीन दिनों से सांय के समय हवा चलने से लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बूढ़ाकेदार, बासर,पौखाल, नागरणी आदि जगहों पर ओलावृष्टि होने से फसलों व फलों को भी नुकसान पहुंचा है।

ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

चमोली जिल के पोखरी क्षेत्र में बीते पांच दिन से लगातार हो रही ओलावृष्टि से यहां चंद्रशिला पट्टी के कई गांवो में किसानों की फसल एवं सब्जी व फलदार पेड़ों को भारी नुकसान हो गया है। खेतों में जहां गेहूं, जौ,मटर, सरसों, आलू, प्याज, लहसून, धनियां की फसलें बारिश, हवा व ओला गिरने से चौपट हो गई। वहीं फलदार पेड़ों माल्टा, नारंगी, नींबू, च्यूला, खुमानी, आड़ू आदि को भारी भारी क्षति हुई है। पोग्ठा के पूर्व प्रधान बलराम सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह नेगी, रैता के प्रधान बीरेंद्र राणा, हनुमंत सिंह असवाल, कुंवर सिंह चौधरी, नंदन सिंह राणा, देवेंद्र राणा, संतोष नेगी, गजेंद्र नेगी सहित कई काश्तकारों ने कहा है कि एक ओर उनके सम्मुख कोरोना संकट है, दूसरी ओर मौसम की मार का सामना करना पड़ रहा है।


ओलावृष्टि से मवेशी की मौत

भारी ओलावृष्टि से एक मवेशी की मौत हुई है। बताया गया कि पोखरी विकासखंड के डाडों गांव निवासी शिशुपाल सिंह दशोली विकासखंड के सगर गांव से गायों को लेकर घर जा रहे थे। धोतीधार के निकट तकरीबन एक घंटे तक जबर्दस्त ओलावृष्टि हुई। इससे एक गाय की मौत हुई है। उधर चमोली जिले के जिला मुख्यालय गोपेश्वर के अलावा निचले इलाकों में रुक रुककर बारिश के साथ ही कई स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब समेत ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के बाद जिले में ठंडक पैदा हो गई है।